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दिल्ली-एनसीआर को जोड़ेगा हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर, मानेसर से खरखौदा तक बदलेगी तस्वीर

Haryana Orbital Rail Corridor का मुख्य उद्देश्य दिल्ली से गुजरने वाली यातायात का दबाव कम करना है। अभी तक हरियाणा के कई शहरों के बीच रेल यातायात के लिए ट्रेनों को दिल्ली होकर गुजरना पड़ता है। इस परियोजना के पूरे होने के बाद पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जिलों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल जाएगी।

हरियाणा में विकास की रफ्तार तेज करने के लिए Haryana Orbital Rail Corridor का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। यह ब्रॉड गेज डबल रेलवे लाइन 126 किलोमीटर लंबी होगी और इसे कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जा रहा है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 5700 करोड़ रुपये है। आज की तारीख में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की गई थी और इसे 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य है।

Haryana Orbital Rail Corridor का मुख्य उद्देश्य दिल्ली से गुजरने वाली यातायात का दबाव कम करना है। अभी तक हरियाणा के कई शहरों के बीच रेल यातायात के लिए ट्रेनों को दिल्ली होकर गुजरना पड़ता है। इस परियोजना के पूरे होने के बाद पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत जिलों को सीधी रेल कनेक्टिविटी मिल जाएगी। यह रेल कॉरिडोर हरियाणा के 5 प्रमुख जिलों- पलवल, गुरुग्राम, नूंह, झज्जर और सोनीपत को सीधा फायदा देगा। माल और यात्री दोनों प्रकार के यातायात के लिए यह परियोजना बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

Haryana Orbital Rail Corridor

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प्रमुख विशेषताएं और निर्माण कार्य

कनेक्टिविटी:
यह लाइन पलवल रेलवे स्टेशन से शुरू होकर सोनीपत में हरसाना कलां रेलवे स्टेशन तक जाएगी। यह मार्ग सोहना, मानेसर और खरखौदा होते हुए गुजरेगा।

तकनीकी विशेषताएं:

इस ट्रैक पर ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चल सकेंगी।
सुरंग की ऊंचाई 11 मीटर होगी, जिससे डबल स्टैक कंटेनर भी आसानी से गुजर सकें।
माल ढुलाई क्षमता:
इस परियोजना के माध्यम से हर दिन 5 करोड़ टन माल ढुलाई की जा सकेगी।

भूमि अधिग्रहण:

परियोजना के लिए सोनीपत, झज्जर, गुरुग्राम और पलवल जिलों के 67 गांवों से करीब 665.92 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है।

औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

HORC का सबसे बड़ा लाभ औद्योगिक विकास में होगा।

मानेसर स्थित मारुति-सुजुकी प्लांट को दिल्ली-रेवाड़ी सेक्शन से जोड़ा जाएगा।
सोनीपत और खरखौदा IMT को गुरुग्राम, मानेसर, फरीदाबाद और पलवल से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।
मानेसर, पलवल और खरखौदा जैसे औद्योगिक क्षेत्र इस कॉरिडोर के बनने से नए आयाम पर पहुंचेंगे।

4.88 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। इसके अलावा, यह कॉरिडोर पलवल, पटली, सुल्तानपुर, असौधा और हरसाना कलां रेलवे स्टेशनों को भी जोड़ेगा। यह परियोजना डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) से पृथला स्टेशन पर जुड़ेगी। इस रेल कॉरिडोर को KMP एक्सप्रेसवे के समानांतर बनाया जा रहा है। इससे रेल और सड़क यातायात के बीच बेहतर समन्वय होगा। मानेसर और सोहना जैसे शहर रेलवे नेटवर्क से जुड़कर और तेजी से विकसित होंगे।

बेहतर कनेक्टिविटी और आसान सफर

HORC के शुरू होने के बाद दिल्ली-एनसीआर और आस-पास के इलाकों में कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। एक्सप्रेसवे, हाइवे और मेट्रो के माध्यम से पहले ही किए गए विकास कार्यों में यह परियोजना एक और महत्वपूर्ण कदम है। Haryana Orbital Rail Corridor माल यातायात के लिए एक सस्ता और तेज विकल्प प्रदान करेगा। इससे हरियाणा के औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।

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Satbir Singh

मेरा नाम सतबीर सिंह है और मैं हरियाणा के सिरसा जिले का रहने वाला हूँ. मैं पिछले 6 सालों से डिजिटल मीडिया पर राइटर के तौर पर काम कर रहा हूं. मुझे लोकल खबरें और ट्रेंडिंग खबरों को लिखने का 6 सालों का अनुभव है. अपने अनुभव और ज्ञान के चलते मैं सभी विषय पर लेखन कार्य कर सकता हूँ.

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